Posted by: admin on December 23, 2024
केनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो कुत्तों को प्रभावित करता है। यह वायरस केनाइन डिस्टेंपर नामक बीमारी का कारण बनता है, जो कुत्तों में एक गंभीर और जानलेवा बीमारी हो सकती है।
1. बुखार: उच्च बुखार जो 3-5 दिनों तक रहता है।
2. नाक और आंखों से डिस्चार्ज: नाक और आंखों से पीला या हरा डिस्चार्ज।
3. खांसी: खांसी और सांस लेने में परेशानी।
4. उल्टी और दस्त: उल्टी और दस्त।
5. सुस्ती और उदासीनता: सुस्ती और उदासीनता।
6. त्वचा पर दाने: त्वचा पर दाने और लालिमा।
7. पैरों में सूजन: पैरों में सूजन और दर्द।
8. मानसिक परिवर्तन: मानसिक परिवर्तन जैसे कि चिड़चिड़ापन और आक्रामकता।
1. सपोर्टिव केयर: सपोर्टिव केयर जैसे कि तरल पदार्थों का सेवन, आराम, और दर्द निवारक।
2. एंटीबायोटिक्स: एंटीबायोटिक्स संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए।
3. एंटीकॉन्वल्सेंट्स: एंटीकॉन्वल्सेंट्स दौरे को नियंत्रित करने के लिए।
4. वैक्सीनेशन: वैक्सीनेशन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए।
5. हॉस्पिटलाइजेशन: गंभीर मामलों में हॉस्पिटलाइजेशन आवश्यक हो सकता है।
1. वैक्सीनेशन: वैक्सीनेशन अपने कुत्ते को केनाइन डिस्टेंपर वायरस संक्रमण से बचाने के लिए।
2. स्वच्छता: स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने कुत्ते के मल-मूत्र को नियमित रूप से साफ करें।
3. सामाजिक दूरी: सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए अपने कुत्ते को अन्य कुत्तों से दूर रखें।
4. नियमित जांच: नियमित जांच अपने कुत्ते की सेहत की जांच करने के लिए।
5. स्वास्थ्य सलाह: स्वास्थ्य सलाह अपने पशु चिकित्सक से लेने के लिए।