रेबीज (Rabies) एक गंभीर वायरल संक्रमण

Posted by: admin on January 7, 2025

रेबीज (Rabies) एक गंभीर वायरल संक्रमण

रेबीज एक विषाणुजनित रोग है जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह रोग आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलता है, जैसे कि कुत्ते, बिल्ली, चमगादड़ आदि। रेबीज के लक्षण, रोकथाम के उपाय, उपचार और जांच के बारे में जानकारी निम्नलिखित है:

 

# रेबीज के लक्षण

1. प्रारंभिक लक्षण: जानवर के काटने के बाद 2-12 सप्ताह तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसके बाद प्रारंभिक लक्षण दिखने लगते हैं, जिनमें शामिल हैं:

- बुखार

- सिरदर्द

- थकान

- मांसपेशियों में दर्द

1. न्यूरोलॉजिकल लक्षण: प्रारंभिक लक्षणों के बाद न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखने लगते हैं, जिनमें शामिल हैं:

- मांसपेशियों में जकड़न

- तंत्रिका तंत्र की समस्याएं

- व्यवहार में परिवर्तन

- दौरे

1. अंतिम चरण: रेबीज के अंतिम चरण में, रोगी को निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

- सांस लेने में समस्या

- हृदय गति में समस्या

- मृत्यु

 

# रेबीज की रोकथाम के उपाय

1. टीकाकरण: रेबीज के टीके का उपयोग जानवरों और मनुष्यों में रेबीज की रोकथाम के लिए किया जाता है।

2. जानवरों का टीकाकरण: अपने पालतू जानवरों को नियमित रूप से टीका लगवाएं।

3. काटने के बाद उपचार: यदि आपको किसी जानवर ने काटा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उपचार लें।

4. सावधानी: जानवरों के साथ सावधानी से पेश आएं और उन्हें परेशान न करें।

 

# रेबीज का उपचार

1. पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी): यदि आपको किसी जानवर ने काटा है, तो पीईपी उपचार लेना आवश्यक है। यह उपचार रेबीज वायरस को फैलने से रोकता है।

2. रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन (आरआईजी): आरआईगी एक प्रकार का एंटीबॉडी है जो रेबीज वायरस को मारने में मदद करता है।

3. टीकाकरण: रेबीज के टीके का उपयोग उपचार के रूप में भी किया जा सकता है।

 

# रेबीज की जांच

1. क्लिनिकल जांच: चिकित्सक रोगी की क्लिनिकल जांच करते हैं और लक्षणों का मूल्यांकन करते हैं।

2. लैबोरेटरी जांच: रेबीज वायरस की जांच के लिए लैबोरेटरी जांच की जाती है, जैसे कि पीसीआर (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) और वायरल आइसोलेशन।

3. इम्यूनोफ्लोरेसेंस जांच: यह जांच रेबीज वायरस के एंटीजन का पता लगाने के लिए की जाती है।

रेबीज से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1. टीकाकरण: रेबीज का टीका लगवाना सबसे प्रभावी तरीका है। यह टीका विशेष रूप से जानवरों के काटने से पहले और बाद में दिया जाता है।

2. जानवरों से सावधानी: जानवरों के साथ सावधानी से पेश आएं। यदि कोई जानवर आपको काटता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

3. कुत्तों का टीकाकरण: यदि आपके पास कुत्ता है, तो उसे नियमित रूप से रेबीज का टीका लगवाएं।

4. घावों की देखभाल: यदि आपको कोई जानवर काटता है, तो घाव को तुरंत साबुन और पानी से धोएं।

5. चिकित्सा सहायता: यदि आपको कोई जानवर काटता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

 

# रेबीज के लक्षण

रेबीज के लक्षणों में शामिल हैं:

 

- जानवर के काटने के बाद 2-12 सप्ताह में लक्षण दिखाई देना।

- बुखार, सिरदर्द, और थकान।

- काटने के स्थान पर दर्द और सूजन।

- पानी पीने में कठिनाई।

- दौरे और मांसपेशियों में अकड़न।

- अंततः, रेबीज मृत्यु का कारण बन सकता है।

compiled by

PRIME VET CLINIC,INDORE

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